“सनातनी परम्परा पितृ ऋण को स्मरण करने का पर्व श्राद्ध तर्पण”

ॐ नमो व: पितरो रसाय नमो व: पितर :शोषाय नमो व: पितरो जीवाय नमो व: पितर: स्वधायै नमो व: पितरो घोराय नमो व: पितर: पितरो नमो नमो मम जलअंजलीमगृहाण पितरो …

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